दहेज रहित विवाह
दहेज एक कुप्रथा है इसने इस तरीके से हमारे समाज पर अपनी जडे जमा रखी है कि हर बेटी पिता को बेटी के जन्म पर ही उसके विवाह की चिंता होना शुरू हो जाती है,उसे इसी बात की चिंता रहती है कि उस वक्त किस प्रकार उसके विवाह में उसके ससुराल पक्ष को दहेज किस प्रकार दे पाएगा ,जिसके लिए वह अपनी आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं करता और दहेज के लिए पैसे इकट्ठा करना शुरू कर देता है और इस प्रकार बेटियां एक पिता पर बोझ बन जाती है जिसकी वजह से कई लोग तो बेटियों को जन्म देने से ही डरते हैं !😢 और अगर जन्म हो भी जाता है ,तो कई व्यक्ति बेटियों को पैदा होने के बाद मार देते है, और अगर फिर भी कमी रह जाती हैं तो कई बेटियों को विवाह के बाद मार दिया जाता है कि उसके पिता उसके विवाह में उसको दहेज नहीं दिया । उसे इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वह आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाती है।
जिस प्रकार सती प्रथा एक ऐसी प्रथा थी जिस को खत्म करना बहुत जरूरी हो गया था उसी प्रकार दहेज प्रथा ऐसी कुप्रथा जिसकी वजह से हमारा समाज मे अशांति हो रही है भारत एक ऐसा देश है, जहां पर बेटियों को पूजा जाता है, बेटियों को देवी मानने के बावजूद भी इसी भारत देश में उन्हे मार दिया जाता है किस के लिए सिर्फ दहेज के लिए तो क्यो नहीं इसे जड़ से खत्म कर दिया जाए🤔
संत रामपाल जी महाराज के द्वारा दहेज मुक्त भारत बनाने का
बीडा उठाया है, और हमें इस में सहयोग करके इस कुप्रथा को खत्म करना होगा । सफल करने के लिए हम सब को सहयोग करना होगा
संत रामपाल जी महाराज के द्वारा ऐसे कई समाज सेवा के कार्य किए गए हैं ,और किए जा रहे हैं जो प्रशंसनीय हैं संत रामपाल जी महाराज के द्वारा दहेज रहित विवाह करवाए जा रहे हैं ,जिस विवाह में बेटी के पिता पर एक तिनके भर का भी वजन नहीं होता ।
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